पूर्वकाल टखने का आर्थ्रोडिसिस
ID: ANH15153hin
MEDICAL ANIMATION TRANSCRIPT: एंटीरियर एंकल फ्यूज़न यानी कि पूर्वकालिक टखने का जुड़ाव एक ओपन सर्जिकल प्रक्रिया यानी कि ऑपरेशन की एक खुली प्रक्रिया है, जो टखने की हड्डियों को एक दूसरे के साथ फ्यूज़ करती है या जोड़ती है। टखना एक जोड़ है जो पैरों को उसके पंजे से जोड़ता है। टखने की जोड़ों में शामिल हैं पैर के नीचे की दो हड्डियाँ जिन्हें टीबिया और फिबुला कहा जाता है। और टखने की हड्डी जिससे टैलस कहा जाता है। टीबिया और फिबुला के अंत के हिस्से एक साथ इकट्ठा होकर एक मोंटेज यानी कि स्लॉट बनाते हैं, जो टखने की चोट का तल यानी कि सबसे निचला हिस्सा बनता है। उत्तंग जिन्हें लिगामेंट्स यानी कि स्नायुबंधन और टेंडन्स यानी कि टंडो कहा जाता है। वे टखने की चोट को आधार देते हैं। लिगामेंट्स हड्डियों को हड्डियों से जोड़ते हैं और टेंडन्स मांसपेशियों को हड्डियों से जोड़ते हैं। टखने के जोड़ पैर के पंजे को ऊपर नीचे हिलाने में मदद करते हैं। हड्डियों के छोर पर स्थित आर्टिकुलर कार्टिलेज यानी कि उपास्थि एक चिकनी फिसलन वाला आवरण है जिसके कारण जोड़ आसानी से हिल सकता है। एंकल फ्यूज़न जो ऑर्थोडेसिस के नाम से भी जाना जाता है वो एक सर्जिकल प्रक्रिया यानी कि ऑपरेशन है जो एंकल यानी कि टखने की हड्डियों को एक साथ जोड़ती है ताकि वे एक दूसरे के साथ घिसे नहीं। डॉक्टर आपको ऐसी परिस्थितियों में यह प्रक्रिया कराने की सलाह देते हैं जिनके कारण आपके टखने की चोट में गंभीर नुकसान हो सकता है या दर्द हो सकता है। सबसे सामान्य परिस्थिति है ऑस्टिओऑर्थराइटिस जो कि डिजेनरेटिव जॉइंट डिज़ीज़ के नाम से भी जाना जाता है। ऑस्टिओऑर्थराइटिस के अंत की अवस्था में हड्डियों के अंत के हिस्से का आवरण करते कार्टिलेज यानी कि उपास्थि बहुत ही घिस गई होती है और उसके कारण हड्डी एकदम उजागर हो जाती है। इसके साथ बोनी प्रोजेक्शन जिन्हें बोन स्पर्स कहा जाता है। उनकी वृद्धि होने के कारण जोड़ों में सूजन आ सकती है, दर्द हो सकता है और उसकी गतिविधियाँ काफी सीमित हो सकती हैं। एक और परिस्थिति जिसमें एंकल फ्यूज़न की आवश्यकता हो सकती है, वो है रयुमेटॉइड ऑर्थराइटिस, जिसमें मरीज की अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली उसके जोड़ों पर आक्रमण करती है। ऐसी कोई स्थिति जो जोड़ की सतह को नष्ट करती है, जैसे की हड्डियों का गंभीर संक्रमण या हड्डी के ऊतकों की मौत जिसे नेक्रोसिस कहा जाता है। उनके भी टखने की चोट को संयोजन यानी कि एंकल फ्यूज़न की आवश्यकता होती है। प्रक्रिया की शुरुआत टखने के सामने या एन्टीरीयर हिस्से में एक चीरा रखकर की जाती है। उसके बाद आपके सर्जन आपके टखने में स्थित टीबिया और टैलस हड्डियों के बीच की जगह को देखने और उसका निरीक्षण करने के लिए उसको खोलेंगे। टीबिया के नीचे के सतह में संक्रमित उपास्थि और हड्डियों को हटा दिया जाएगा। टैलस की ऊपरी सतह के लिए भी यह प्रक्रिया दोहराई जाएगी। इसके बाद सर्जन इन हड्डियों को एक दूसरे के साथ स्क्रू या धातु की प्लेट और स्क्रू के साथ जोड़ देंगे। हड्डियों के उत्तंग बनाने के लिए मरीज के पेल्विक हड्डियों में से या टीबिया के ऊपरी हिस्से में से एक टुकड़ा लिया जा सकता है या वो बोन बैंक में से आ सकता है। जोड़ों में जगह भरने और हड्डियों को एक दूसरे के साथ बढ़ने में मदद करने के लिए इसका इस्तेमाल बोन ग्राफ्ट के रूप में किया जाएगा। अंत में त्वचा में किये गए चीरे को टाँके लेकर बंद किया जाएगा। एंकल फ्यूज़न यानी कि टखने के संलयन कराने के बाद मरीज कभी भी अपने एंकल जॉइंट यानी कि टखने की चोट को हिला नहीं पाएगा। हालांकि फ्यूज़न यानी कि संलयन करवाने के बाद हड्डियों की ऑर्थराइटिक सतहों को एक दूसरे के साथ घिसने से होने वाला दर्द दूर हो जाता है और पाँव के दूसरे जोड़ उसे सीमित तरीके से हिलने में मदद करते हैं।
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