एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम और हार्ट अटैक
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MEDICAL ANIMATION TRANSCRIPT: यदि आपको एक्यूट यानी की तीव्र कोरोनरी सिंड्रोम है तो आपके हृदय की मांसपेशी को पर्याप्त रक्त न मिलने के कारण आपको एक या अधिक स्वास्थ्य संबंधी तकलीफें होंगी। ये एक मेडिकल इमरजेंसी है क्योंकि हो सकता है आपको हार्ट अटैक यानी कि दिल का दौरा आया हो। यानी कि एक ऐसी स्थिति जिसमें आपके हृदय की मांसपेशियाँ मरने लगती है और धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते हैं। आपका हृदय एक मांसपेशियों से बना अंग है, जो आपके शरीर के लिए जरूरी ऑक्सीजन और पोषक तत्वों वाला खून पंप करता है। आपके हृदय का मुख्य पंपिंग चेंबर यानी कक्ष हैं बाँया वेंट्रिकल यानी कि निलय। जब आप का बांया निलय वेंट्रिकल यानी कि निलय संकुचित होता है तो वो शरीर की बड़ी आर्टरी यानी कि अयोटा यानी कि महाधमनी के द्वारा ऑक्सीजन युक्त रक्त पूरे शरीर में पहुंचाता है। अयोटा यानी की महाधमनी के साथ अन्य छोटी धमनियां जुड़ी हुई होती हैं, जिन्हें कोरोनरी धमनियां कहा जाता है। आपके अयोटा यानी कि महाधमनी में से रक्त इन कोरोनरी धमनियों के माध्यम से हृदय की मांसपेशियों तक पहुंचता है और उन्हें आवश्यक ऑक्सीजन और पोषक तत्व प्रदान करता है। यदि आप को एक्यूट यानी कि तीव्र कोरोनरी सिंड्रोम है तो आपके कोरोनरी धमनियों के माध्यम से होने वाला रक्त का प्रवाह गंभीर रूप से कम हो जाता है या पूरी तरह से अवरोधित हो जाता है। खून के प्रवाह के कम हो जाने के कारण अथेरोस्क्लेरोसिस भी हो सकता है। इस स्थिति में कोरोनरी धमनियों के अंदर चर्बी युक्त पदार्थ जिसे प्लैक कहा जाता है वो जमा होने लगता है, जिसके कारण कोरोनरी धमनियों सिकुड़ने लगती है और उनमें से होने वाला रक्त का प्रवाह घट जाता है। यदि प्लैक फट जाता है तो उस जगह रक्त जम जाता है और उस रक्त के थक्के के कारण यह धमनी ब्लॉक हो सकती है। रक्त का थक्का कोरोनरी धमनी के अवरोध का सबसे आम कारण है। रक्त का प्रवाह कट जाने के अन्य कारण जो कम जाने जाते हैं वो हैं कोरोनरी धमनी में ऐंठन या विच्छेदन। कोरोनरी धमनी के ऐंठन में कुछ तरह की दवाएं, धूम्रपान, ठंड का मौसम और अत्यधिक तनाव या भावनाएँ या सारे कारणों से कोरोनरी धमनी में अस्थाई रूप से और अचानक कस पैदा हो सकता है। कोरोनरी धमनी के विच्छेदन में आपकी कोरोनरी धमनियों में से किसी एक की आंतरिक दीवार अलग हो जाती है जो रक्त के प्रवाह को अवरोधित कर सकता है। कारण चाहे कोई भी हो लेकिन जब उसके कारण कोरोनरी धमनी में अवरोध आता है तब वो धमनी हृदय की जिस हिस्से को रक्त पहुँचाती है, उसे हिस्से को रक्त मिलना बंद हो जाता है और इसलिए उसे प्राप्त ऑक्सीजन और पोषक तत्व मिलने भी बंद हो जाते हैं। नतीजतन हृदय के उस हिस्से की मांसपेशियां मरने लगती है और कार्य करना बंद कर देती हैं। हृदय की मांसपेशियों का कोई भी हिस्सा जब मर जाता है तो उसे हार्ट अटैक यानी दिल का दौरा कहा जाता है। इस स्थिति को मायोकार्डियल इन्फ्रैक्शन या एमआई भी कहा जाता है। बंद हुई यानी की अवरोधित कोरोनरी धमनियों के कारण आपकी छाती के हिस्से में अचानक पीड़ा, घबराहट, दबाव या जलन जैसे लक्षणों का अनुभव हो सकता है जिसे एनजाइना कहा जाता है। ये दर्द आपके पेट के ऊपर के हिस्से, कंधों, हाथों, गर्दन और जबड़े के नीचे के हिस्से में भी फैल सकता है। यदि आपको आराम करते समय भी एनजाइना की तकलीफ हो या बार बार एनजाइना की तकलीफ हो जैसे कि सामान्य शारीरिक कार्य भी आप ना कर सके तो आपको अनस्टेबल यानी कि अस्थिर एनजाइना है जो एक्यूट यानी कि तीव्र कोरोनरी सिंड्रोम का मुख्य लक्षण है। यदि आप को हार्ट अटैक आ चुका है या अन्य प्रकार के एक्यूट यानी की तीव्र कोरोनरी सिंड्रोम की तकलीफ है तो आपके डॉक्टर आपको ऑक्सीजन थेरेपी की सलाह देंगे। जिससे आपके रक्त में ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन मिश्रित हो सके और हृदय को ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन मिल सके। रक्त को जमने से यानी कि रक्त के थक्के बनने से रोकने के लिए आप एस्प्रिन या डॉक्टर द्वारा सलाह दी गई ऐसी रक्त को पतला करने वाली दवाई ले सकते हैं। थ्रोम्बोलाईटिक जिसे क्लॉट बस्टर ड्रग्स के नाम से भी जाना जाता है। उन का उपयोग किसी भी मौजूदा रक्त के थक्कों को तोड़ने के लिए किया जा सकता है। नाइट्रोग्लिसरिन और मॉर्फिन जैसी दवाएं आपकी कोरोनरी धमनियों को शांत करती है और एनजाइना के दर्द को दूर करती हैं। आपको बीटा ब्लॉकर्स नाम की दवाई भी दी जा सकती है, जो आपके हृदय की धड़कनों को कम यानी कि धीमा कर सके, ताकि ह्रदय को कम ऑक्सीजन की जरूरत पड़े। आपके डॉक्टर तत्काल सर्जिकल प्रक्रियाओं को भी सलाह दे सकते हैं, जैसे कि कोरोनरी एन्जियोप्लास्टी, जिसमें एक गुब्बारा लगा कैथेटर यानी की प्लास्टिक की पतली लचीली नली, जिसको आपकी अवरुद्ध कोरोनरी धमनी के अंदर डाला जाता है और अवरुद्ध वाली जगह पर गुब्बारे को खोला जाता है। ताकि अवरुद्ध कोरोनरी धमनी को खोला जा सके। इस प्रक्रिया के दौरान गुब्बारा लगे कैथेटर पर स्टेंट यानी की तार की जाली की नली लगा हुआ होता है। जो धमनी के अंदर गुब्बारे के खुलने से खुल जाता है और फिर उस स्टेंट को वहीं रहने दिया जाता है, ताकि धमनी उस जगह पर फिर से बंद न हो। आप कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्ट क्या सीएबीजी करवा सकते हैं। सीएबीजी एक सर्जिकल प्रक्रिया यानी कि ऑपरेशन है जिसमें कोरोनरी धमनी के अवरुद्ध हिस्से को शरीर के अन्य हिस्से की धमनी, शिरा या कृत्रिम ग्राफ्ट नली द्वारा बाईपास किया जाता है। यदि आपको एक्यूट यानी की तीव्र कोरोनरी सिंड्रोम के लक्षण हैं तो तुरंत इलाज करवाएं।
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