डायग्नोस्टिक पेल्विक लैप्रोस्कोपी
ID: ANCE00179hin
MEDICAL ANIMATION TRANSCRIPT: डायग्नोस्टिक पेल्विक लेप्रोस्कोपी डायग्नोस्टिक पेल्विक लेप्रोस्कोपी यानि की, श्रोणि के हिस्से की अंदर से जांच करने के लिए दूरबीन वाले, ख़ास प्रकार के साधन के द्वारा की जाने वाली प्रक्रिया। जिसका उपयोग पेल्विस, यानि की श्रोणि के आंतरिक अंगो की जांच करने और किसी विशेष समस्या का निदान करने का प्रयास करने के लिए किया जाता है। यदि आपको पेल्विस, यानी की श्रोणि के हिस्से में दर्द हो, या वहां कोई गाँठ हो, तरल पदार्थ का असामान्य संचय हुआ हो, या गर्भ धारण करने में कठिनाई हो रही हो, तो आपको डायग्नोस्टिक पेल्विक लेप्रोस्कोपी कराने की सलाह दी जा सकती है। ये समस्याएं एंडोमेट्रिओसिस, ट्यूबल गर्भावस्था, अंडाशय में एक फोड़ा या ट्यूमर, श्रोणिक क्षेत्र में संक्रमण के कारण हुआ दाग, या अन्य स्थितियों के कारण हो सकती है। लेप्रोस्कोपिक तकनीकों से की गयी सर्जरी के लिए, केवल छोटे कीहॉल, यानी की कुंजी जैसी छोटी चीज़ अंदर जा सके, वैसे छोटे छेद। छेदो, या सूक्ष्म छेद जैसे छोटे घाव की आवश्यकता होती है और इस ऑपरेशन के बाद की स्वास्थ्य की रिकवरी यानी की, पुनः प्राप्ति की अवधि बहुत कम और वक्ष समेत, अधिक आरामदायक होता है। जब आप अपनी प्रकिर्या के लिए अस्पताल पहुंचते है, तब एक इंट्रावेनस लाइन, यानि की अंतः शिरा, यानि की नस के द्वारा दवाई और प्रवाही दिया जा सके। उसके लिए नस में डाले जाने वाली नली शुरू की जायेगी और आपको आराम करने में मदद मिले, उसके लिए सेडेटिव, यानि की शामक दवाई दी जायेगी। पेल्विक लेप्रोस्कोपी को सामान्य एनेस्थीसिया, यानि की बेहोश करने, या किसी अंग और उसके आस पास के कुछ क्षेत्रों को सुन्न करने के लिए दवाई के तहत किया जाता है, जो आपको ऑपरेशन की अवधि के लिए सुला देगा। ऑपरेशन के दौरान, यानी की कृत्रिम श्वसन नली अस्थायी रूप से आपके मुँह के द्वारा और आपके गले में डाली जायेगी। आपके मूत्राशय में से, मूत्र को बाहर निकलने के लिए, आपके मूत्राशय में एक कैथिटर भी रखा जाएगा। एक गैर जटिल डायग्नोस्टिक लेप्रोस्कोपी, शरीर की अंदर से जांच करने के लिए, दूरबीन वाले ख़ास प्रकार के साधन के द्वारा, की जाने वाली प्रक्रिया में 30 से 60 मिनट तक का समय लग सकता है। आपके सर्जन, आपकी नैवेल या अम्बिलिक्स, यानि की नाभि के ठीक नीचे, एक छोटा सा. आधे इंच का चीरा लगाने के लिए, ट्रोकोर नामक एक तेज़ साधन का उपयोग करके आपके पेल्विस, यानी की श्रोणि के हिस्से के अंदर प्रवेश करेंगे। उसके बाद आपके पेट को थोड़ा उभारने के लिए, इस अम्बिलिकल पोर्ट, यानी की नाभि में किया हुआ छेद, जिसके माध्यम से, नाभि के अंदर कार्बन डाइऑक्साइड गैस को पंप किया जाएगा। ताकि अंदर की सामग्री को, अधिक आसानी से देखा जा सके। इसके बाद आपके सर्जन, इस अम्बिलिकल पोर्ट, यानि की नाभि में किया हुआ छेद के माध्यम से लेप्रोस्कोप को अंदर दाखिल करेंगे। उसके कैमरे के द्वारा, अंदर की छवियों को ऑपरेटिंग रूम में, वीडियो मॉनिटर पर प्रदर्शित किया जाता है। उसके बाद आपके सर्जन, आपके लक्षणों को समझा सके, वैसे किसी बिमारी के संकेतो की जांच करने के लिए सावधानी पूर्वक, आपके पेल्विक के अंगो और ऊतको की जांच करेंगे। वे पेट में अन्य छेद कर सकते है, जिसके माध्यम से अन्य साधनो को अंदर डाला जा सकता है। इन अतिरिक्त साधनो का उपयोग, आंतरिक अंगो को स्थानांतरित करने के लिए ताकि अंदर बेहतर तरीके से देखा जा सके, या दाग वाले ऊतक को हटाने, बायोप्सी लेने या असामान्य तरल पदार्थ को निकालने जैसी, ऑपरेटिंग प्रक्रिया को करने के लिए किया जाता है। जब लेप्रोस्कोप और अन्य उपकरणों को निकाल दिया जाता है, तो पेट में मौजूद, सभी कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकालने में मदद मिले, उसके लिए, थोड़े समय के लिए एक विशेष प्रकार के गैस वाल्व को पेट में रहने दिया जाता है। कीहॉल, यानी की कुंजी जैसी छोटी चीज़, अंदर जा सके, वैसे छोटे छेद या छेदों को बस कुछ टाँके लेकर या स्टेपल के साथ बंद किया जाता है। और फिर उन छेदों को पट्टियों के साथ कवर कर दिया जाता है। आपकी सर्जरी, यानी की ऑपरेशन पूरा होने के बाद, ब्रीथिंग ट्यूब, यानि की ऑपरेशन के दौरान सांस लेने में आपको मदद मिले, इसके लिए आपकी श्वांस नली में, बाहर से रखी गयी एक कृत्रिम नली, जिसको निकाल दिया जाएगा। और रिकवरी, यानी की पुनः प्राप्ति के लिए एक क्षेत्र में, आपकी निगरानी की जायेगी। उसके बाद जल्द ही आपके कैथिटर को निकाल दिया जाएगा और आपको आवश्यकता के हिसाब से दर्द के लिए दवाइयाँ दी जाएंगी। जब आप तरल पदार्थ पीने में सक्षम हो जाते है, तो आपकी इंट्रावेनस लाइन, यानि की अंतः शिरा, यानी की नस के द्वारा दवाई और प्रवाही दिया जा सके, उसके लिए नस में डाली जाने वाली नली, जिसको निकाल दिया जाएगा। अधिकाँश मरीज़ो को, प्रक्रिया के कुछ घंटो के भीतर ही अस्पताल से छुटी दी जाती है।
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