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पेट की महाधमनी में फैलाव

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ID: ANH00012hin
MEDICAL ANIMATION TRANSCRIPT: सर्जन आपके पेट के हिस्से की महाधमनी यानी की एयोटा के एक ऊपरी हिस्से यानीकी एन्यूरिज्म फटने से रोकने के लिए उस हिस्से की मरम्मत करेंगे, जिसे हम एब्डोमिनल एओर्टिक एन्यूरिज्म रिपेयर कहते हैं। एयोटा शरीर की सबसे बड़ी महाधमनी है जो हृदय से जुड़ी है और सीधे वेंट्रिकल यानीकी हृदय की मुख्य पंपिंग चैंबर से रक्त प्राप्त करती है। महाधमनी को चार भागों में बांटा गया है, असेंडिंग यानी की आरोही महाधमनी, महाधमनी आर्क यानी की चाप, थोरेसिक यानी वक्ष महाधमनी और एब्डोमिनल यानी कि उदर या पेट की महाधमनी । महाधमनी का पेट के भाग का हिस्सा अंतिम और सबसे बड़ा है। यह महाधमनी, पेट और पेल्विक यानीकी श्रोणि अंगों सहित शरीर के निचले हिस्से को प्रदान करता है। पेट की महाधमनी नाभि पर खत्म होती है, यहां से दो इल्याक यानीकी श्रोणि फलक धमनियों में विभाजित होती है, जो पैरों को रक्त प्रदान करती है। महाधमनी की दीवार मोटी होती है, जिससे वे हृदय से आनेवाले उच्च दबाव वाले रक्त का सामना कर सके। पर समय के साथ महाधमनी की दीवार कमजोर हो सकती है, जिससे धीरे धीरे उनमें गुब्बारे जैसा गुब्बार विकसित हो सकता है। जब यह स्थिति पेट के भाग में होती है। इसे एब्डोमिनल एओर्टिक एन्यूरिज्म कहा जाता है। सर्जन इसके इलाज के लिए ओपन एब्डोमिनल एओर्टिक एन्यूरिज्म रिपेयर करेंगे। यानी कि ओपन ऑपरेशन, जब आपकी महाधमनी का व्यास दो इंच से अधिक हो जाता है या आपको पेट में तेज दर्द या पेट में असामान्य रूप से धड़कन महसूस होना, ऐसे लक्षण महसूस होते हैं। तब ओपन ऑपरेशन से पहले आपको आईवी लाइन पर रखा जाएगा ताकि आपको तरल प्रवाही, एंटीबायोटिक दवाएं और संज्ञाहरण प्रदान किया जा सके। पारंपरिक ओपन ऑपरेशन सामान्य संज्ञाहरण के तहत किया जाता है, यानी ऑपरेशन के दौरान आप सो रहे होंगे। ऑपरेशन दौरान आपको सांस लेने में मदद करने के लिए आपके मुंह से आपके वायु पाइप में कृत्रिम श्वास नली डाली जाएगी। और, सो जाने के बाद आपके मूत्राशय में उसमें से पेशाब को निकालने के लिए आपकी किडनी यानि की गुर्दे के कामकाज पर निगरानी रखने के लिए कैथेटर डाला जाएगा। ऑपरेशन के दौरान आपके सर्जन आपके स्तन की हड्डी से नाभी तक का एक चीरा बनाएंगे। एन्यूरिज्म की जगह कट लगाएंगे और उस एन्यूरिज्म को ऊपर और नीचे से क्लिप लगाकर बंद कर देंगे। फिर आपके सर्जन इस एन्यूरिज्म को काटकर खोलेंगे और उसमे कृत्रिम स्टंट जो आकार और आकृति में बिल्कुल असल एयोटा जैसा होता है, उसे वहां लगाएंगे। फिर आपके सर्जन एयोटा की दीवारों को उस स्टंट को कवर करते हुए जोड़कर टांके ले कर उसे सिल देते हैं। यह कृत्रिम स्टंट महाधमनी की दीवारों को सुदृढ़ करेगा। आपके सर्जन टांके लेकर पेट के भाग के चीरे को भी बंद कर देंगे। आमतौर पर यह ऑपरेशन 4 से 6 घंटे चलता है। यदि आपको गंभीर हृदय रोग है, आपके केस में उम्र या अन्य चिकित्सा संबंधी तकलीफों से ऑपरेशन का जोखिम ज्यादा है, तो आपके सर्जन एंडो वास्कुलर एन्यूरिज्म रिपेयर करेंगे जो की एक नई मिनिमली यानी की न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है। ओपन ऑपरेशन जैसे एंडो वास्कुलर प्रक्रिया शुरू करने से पहले आपको आईवी लाइन पर रखा जाएगा ताकि आपको तरल प्रवाही और एंटीबायोटिक दवाएं प्रदान की जा सके। इस प्रकार के लिए आपको या तो सामान्य संज्ञाहरण या शामक, एक एपीड्यूरल इंजेक्शन या स्थानीय संज्ञाहरण दिया जा सकता है। आपके शरीर का केवल निचला आधा हिस्सा सुन्न करने के लिए आपके सर्जन उस ऊसन्धि में आपकी जांघिक धमनी के ऊपर एक छोटा सा चीरा करेंगे और उसमें से जांघिक धमनी में गाइड वायर यानी की तार डालेंगे और हल्के से उसे आपके एन्यूरिज्म की ओर धकेलेंगे। की ओर धकेलेंगे। इस वायर के ऊपर एक कैथेटर यानी की खोखली ट्यूब को पारित किया जाएगा और आपके एन्यूरिज्म की ओर धकेल दिया जाएगा। लाइव एक्स रे चित्रों की मदद से सर्जन इस कैथेटर से एन्डो-वास्कुलर स्टंट यानीकी मेटल ट्यूब में संपीडित फैब्रिक को एन्यूरिज्म के पास पहुंचा दिया जाएगा। फिर वे उस स्टंट को खोल देंगे और उसमे लगे मेटल के हुक की वजह से वह स्टैंड उसी जगह पर लगा रहेगा। ज़रूरत पड़ने पर सर्जन ऐसे ही और स्टंट लगा सकते हैं। आपके पैरों की नसों के लिए स्टंट लग जाने के बाद आपका रक्त एन्यूरिज्म में से नहीं बल्कि उस स्टंट के माध्यम से ही बहेगा, जिससे एन्यूरिज्म पर से दबाव कम हो होगा। अब आप के सर्जन कैथेटर निकाल देंगे और आपकी ऊसन्धि पर किए गए चीरे को सिल कर बंद कर देंगे। आमतौर पर इस प्रकिया को 2 से 3 घंटे लगते हैं। अगर आपको सांस लेने वाली ट्यूब लगाई गई है तो ऑपरेशन के बाद ट्यूब निकाल दी जाती है और आपके स्वास्थ्य सुधार के लिए आपको इंटेंसिव केयर यूनिट में रखते है। आईवी के माध्यम से आपको तरल प्रवाही और पोषण दिया जाएगा। हो सकता है कि जब तक आपकी ऊसन्धि फिर से ठीक काम न करने लगें, अंदर के स्त्राव को निकालने के लिए आपकी नाक और पेट में ट्यूब लगाई गई हो। आमतौर पर ओपन ऑपरेशन में 5-10 दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ता है, जबकि एंडो-वैस्कुलर प्रक्रिया में सिर्फ 2 से 3 दिनों के लिए ही रहना पड़ता है।

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